Ankit's Mutual Fund Portfolio is Now Live 🚀
गिरते बाज़ार में क्यों घबराना नहीं चाहिए? | असली वेल्थ ऐसे ही बनती है 🚀
दोस्तों 🙏
पिछला हफ्ता शेयर बाज़ार के लिए काफ़ी रोलरकोस्टर रहा। ट्रंप ने फार्मा सेक्टर पर टैरिफ बम फोड़ा और इंडियन मार्केट धड़ाम से नीचे आ गया। 📉
🕒 Last Updated: 29 September 2025 | 1:18 PM
लेकिन सच बताऊं – मुझे तो बिल्कुल फर्क नहीं पड़ा। बल्कि हंसी आई कि मैंने आपको कितनी बार समझाया कि गिरावट से डरना नहीं है, फिर भी आप लोग 2-4% की गिरावट में ऐसे घबरा जाते हो जैसे पूरा भारत चौपट हो गया हो। 😅
Warren Buffett ने कहा था –
"अगर आप अपने पोर्टफोलियो को 50% गिरते नहीं देख सकते, तो शेयर बाज़ार आपके लिए नहीं है।"
रामदेव अग्रवाल सर ने भी बताया कि 1992 में उनका पोर्टफोलियो 1 करोड़ से 30 करोड़ हुआ, फिर वापस 10 करोड़ पर गिरा। लेकिन धैर्य रखा तो वही पैसा बाद में 100 करोड़ तक पहुंचा।
यानी गिरावट अस्थायी है, वेल्थ हमेशा धैर्य और कंपाउंडिंग से ही बनती है।
अगर सिर्फ़ सुरक्षा चाहिए, तो FD कर लो और नेटफ्लिक्स देखो।
लेकिन अगर वेल्थ बनानी है (10 करोड़, 50 करोड़, 100 करोड़+), तो मार्केट के उतार-चढ़ाव झेलने ही पड़ेंगे।
याद रखो – Compounding = Patience + Time + SIP/Investment
मैं रोज़ अपनी वेबसाइट पर अपना Portfolio Update डालता हूं।
26 सितम्बर 2025 को मेरा पोर्टफोलियो सीधा ₹5.33 करोड़ से ₹5.15 करोड़ पर आ गया। यानि 17.62 लाख का नुकसान सिर्फ़ एक हफ्ते में।
👉 क्या मैं घबराया? नहीं!
क्योंकि मुझे पता है कि यह गिरावट अस्थायी है।
HDFC Flexi Cap, Nippon Small Cap और SBI Small Cap – इन तीनों के 15–30 साल के डेटा में साफ़ दिखता है कि बीच-बीच में 2–4 साल पैसा flat या minus रहा।
लेकिन आखिर में वही 10 लाख → 1 करोड़, 10 करोड़, 20 करोड़ बन गए।
यानी गिरावट = वेल्थ क्रिएशन का प्रोसेस।
गिरावट को Opportunity समझो, Risk नहीं।
सस्ते NAV पर और खरीदो।
Invested रहो, घबराकर बेचो मत।
अगर धैर्य नहीं है → FD करो और चैन से सो जाओ।
💡 याद रखो:
Short Term में डर – Long Term में बर्बादी।
Short Term में धैर्य – Long Term में अमीरी।
Read More